13 पॉइंट से जिनको आप जानने वाले हैं

पूरे भारत में इस समय वेब सीरीज तांडव के बारे में चर्चा है और योगी आदित्यनाथ जो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। वह तो इस व्यक्ति ने इतने ज्यादा नाराज हैं कि उन्होंने क्लियर कट वार्निंग शुरू कर दी है। एसोसिएशन के अंदर रजिस्टर ट्रैक्टर होने के नाते मैं कुछ ऐसी चीजें आपको बता पाऊंगा जिस पर शायद आपकी नजर नहीं जाती होगी। खानापूर्ति करने और कहने के लिए कई सारे सीन हटा लिए गए हैं। मगर फिर भी आज 20 जनवरी को शाम 5:00 बजे जो वेब सीरीज अवेलेबल है, जिसको लोग देख रहे हैं उसके अंदर के 13 पॉइंट से जिनको आप देखने वाले हैं और आप खुद ही डिसाइड कर पाएंगे कि क्या इन चीजों को यहां से अवॉइड किया जा सकता था। यह भी आप डिसाइड कर पाएंगे कि क्या जानबूझकर किसी के बारे में यहां पर कंट्रोवर्सी क्रिएट करने की कोशिश की गई है। सीजन वन के पहले ही एपिसोड के अंदर तेरा ऐसी कौन सी बातें हैं, जो कंट्रोवर्सी को बढ़ावा देती हैं। कपूर की बात कर रहे हैं। वह ग्रेटर नोएडा के अंदर आया बताया जा रहा है जो बागपत जिले के अंदर पड़ता है और यहां पर एक आंदोलन कर रहे हैं। कुछ किसान जो कह रहे हैं हमारी जमीन ए वापस करो।



एक का नाम है चौधरी और दूसरा है ठाकुर

इस को छोड़कर आज की बात करते हैं तो बागपत भी वह जिला है जहां पर फार्मर के प्रोडक्ट को बहुत हवा दी जा रही है। जिला जाट बैठकर पढ़ने वाला एक जिला है जहां के लोकसभा के मेंबर संजीव बालियान है। जनता पार्टी की तरफ से आते हैं। पुर का पुराना नाम मलिकपुर है। जाट डोमिनेटेड जाने की किसान डोमिनेटेड एक एरिया है। जानबूझकर इसी जगह का नाम इस्तेमाल करना सभी पॉलीटिशियंस के कान खड़े कर देता है कि इसके अंदर कुछ ना कुछ कॉन्फिडेंस हो सकता है। जानबूझकर बनाए जाने का ऑफिस प्रोटेस्ट के बीच में वहां पर दो पुलिसवालों की ड्यूटी लगी है। एक का नाम है चौधरी और दूसरा है। ठाकुर जहां पर इतना बड़ा प्रोटेस्ट चल रहा है। वहां पर यह दोनों पुलिस ऑफिसर से क्या करते दिखाए गए होंगे। एक दूसरे के लिए शराब का एक बोतल बना रहा है और ड्यूटी के दौरान उत्तर प्रदेश की पुलिस को दारू पीके और गरबा जी करते इसमें दिखाया गया है। अब यहां पर सुनील ग्रोवर की एंट्री होती है और उसको यह दोनों के दोनों जाकर सैल्यूट करते हैं। एक प्रकार से दिखाया जाता है कि एक बड़े पावरफुल पॉलिटिक्स।

पॉलिटिक्स में यह सब चलता ही रहता है।

का सेक्रेटरी या कोई चमचा है जिसको पुलिस को जाकर सेल्यूट करना पड़ता है। यहां पर यह पॉलिटिशन पर्ची निकाल कर दे देता है और कहता है कि यह पाप आपको करना पड़ेगा और पॉलिटिशियन यह बताता है कि विदेशी पैसा यहां पर लगा है। इसलिए इन लोगों को यहां से हटाना जरूरी है। अब यह पुलिस ऑफिसर उससे बात करते हैं कि आप तो देशभक्त बनते हो। फिर भी देश के पैसे आने पर किस प्रकार से यह रिएक्शन दे रहे हो तो यह बताता है कि पॉलिटिक्स में यह सब चलता ही रहता है। उसके पर्ची में 2 लोगों के नाम शामिल हैं, जिनको एनकाउंटर करने की बात कही गई है और स्क्रिप्ट के अंदर साफ तौर पर दिखाई देता है कि एक और कैरेक्टर यहां पर बाद में घुसेगा गया है जिसके बारे में भी अभी आपको पता पड़ जाएगा। अब जिस समय यह वेब सीरीज लिखी जा रही थी, उसी समय के दौरान एनटीसीए ए प्रोटेस्ट चल रहा था। उस समय की खबर के ऊपर नजर डालते हैं तो लड़कों को गोली मार दी गई है। पुलिस के द्वारा मुजफ्फरनगर के अंदर पॉलिटिशन किसान आंदोलन के अंदर एक पर्ची देकर भी इन दोनों लड़कों को मारने की।


कहीं जेएनयू तो नहीं है

कह रहा है यह जो लड़का प्रोटेस्ट के अंदर शामिल है। इसके पास में एक फोन आता है और फोन आने के बाद में वह अपनी मां से कहता है कि मुझे कॉलेज में जाना होगा। पटेल छोड़कर फार्मर के प्रोडक्ट के दौरान एक यूनिवर्सिटी की एंट्री करा दी जाती है। अब आप सोचेंगे कि इस यूनिवर्सिटी का नाम क्या है। कहीं जेएनयू तो नहीं है। यूनिवर्सिटी का नाम विवेकानंद यूनिवर्सिटी किया गया है और उसमें कोई स्टूडेंट स्विंग है और भगत सिंह को कार्ल मार्क्स और लेनिन के साथ के अंदर भी दिखाया जा रहा है। पीछे जो बैकड्राप है, उसमें नहीं थे मगर फिर भी कांग्रेस के पास में कोई बड़ा फ्रीडम फाइटर नहीं है। इसलिए भगत सिंह को हमेशा सही इंपर्सनेट करके कांग्रेस दिखाने की कोशिश की जाती है। अगर आपको लगता है कि सारी की सारी चीजें काल्पनिक है तो एक और कौन सी डांस को आप देखिए जो उन्होंने जानबूझकर उसके अंदर लगाया है। केवल का संगीत बनाने की कोशिश नहीं की गई है। क्रिएटिव डायरेक्टर द्वारा जानबूझकर पॉलिटिक्स के साथ में छेड़छाड़ करने की कोशिश की गई है जो कि साफ तौर पर दिखाई देता है और 7 जन कल्याण।

इंडिया की नंबर वन एंकर श्वेता सिंह दिखाई देती है

विकास में नाम दिया गया है जहां पर हीरो रहता है। आपको यह पता होगा। साउथ लोक कल्याण मार्ग के अंदर ही प्राइम मिनिस्टर आवास है। लोक कल्याण की जगह 7 जन कल्याण कर दिया गया है और इसमें सुर में कहा भी जाता है कि हमने पात्र बदल दिए गए हैं। सच्चाई से इसका लेना देना कुछ नहीं है। सात की जगह आप 8 यूज कर लेते हैं और 7 से पहले तो छह और अक्षर आते हैं। उसमें से कोई भी यूज किए जा सकते थे। जानबूझ कर चीजों को सेट करने की कोशिश की गई है। यहां पर जो रिपोर्टर दिखाई गई है, उसका मेकअप इसी प्रकार से किया गया है। जिस प्रकार से इंडिया की नंबर वन एंकर श्वेता सिंह दिखाई देती है। मतलब साफ तौर पर आपको कौन सी ड्रेस बोलेंगे। एक और जो कॉन्फिडेंस हो गया है, वह बोलेंगे या फिर आप इसको क्या कहेंगे। साथ ही मीडिया के हाथ में जो माइक दिखाया जाता है, वह बिल्कुल फर्जी दिखाया जाता है। वायरलेस होने के बावजूद उस मॉड्यूल नहीं लगा हुआ बाइक से होते हैं। इनके अंदर वायरलेस मॉड्यूल अगर नहीं लगा हुआ होता तो वह फर्जी होते हैं। बहुत सारे ऐसे रिपोर्टर साहब को कई सारी प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिख जायेंगे। केवल अपने माइक?

मगर एक समुदाय बिल्कुल भी टोलरेंट नहीं है

आईडी लगाने के लिए वहां पर रख देते हैं। उसमें कोई तार तक जुड़ा हुआ नहीं होता। ना ही वायरलेस मॉड्यूल होता है। देखा जाए तो मीडिया की जहां पर गौर बस्ती की गई है और दिखाया गया है कि फर्जी माइक लेकर भी सामने वाले के कहे हुए कोई सी भी क्वेश्चन पूछ लेते हैं। अब देखिए आपको पता है कि स्कूल कॉलेज इसके अंदर इस प्रकार के प्रोग्राम होते हैं। जहां पर जिसके पास जितने कपड़े होते हैं, वह पहन कर जो भी उसको रोल होता है, ब्रॉड को करता है और खुशी व्यक्त करता है। एक और चर्चा जिसका अभी तक कोई डिस्कशन नहीं निकल पाया है कि एक खास समुदाय को छोड़कर बाकी सभी जगह इस प्रकार की जो एक्टिविटीज होती हैं, उसका टोलरेंस होता है। मगर एक समुदाय बिल्कुल भी टोलरेंट नहीं है तो उसी समुदाय के लोग इस प्रकार की गतिविधियां दूसरों के अंदर जाकर क्यों करते हैं। यह जेएनयू जैसे जो भी है, न्यू दिखाई गई है। यहां पर अचानक से पुलिस पहुंच जाती है और शो के बीच के अंदर ही किसी को गिरफ्तार कर लेती है और जहां पर ही गिरफ्तारी चल रही है वहां पर एक और पोस्टर आप देखिए यह आजादी की लड़ाई है यह आजादी वाला।

दोस्तों को कैसे पता कि वह टेरेरिस्ट एक्टिविटीज के अंदर लिप्त था या नहीं था

जानबूझकर इसमें डाला गया है ताकि कुछ ना कुछ कंट्रोवर्सीज हो और चीजों को आगे बढ़ाया जाए। इसके इसके बिना भी लिखी जा सकती थी और बैंकॉक के अंदर यानी की डिटेल्स के अंदर इस चीज को डालना साफ तौर से इंटेंशंस दिखाता है कि यह जानबूझकर किया हुआ काम है। अब जो किसान आंदोलन कर रहा था, लड़का उसको जेएनयू से ले जाया जा रहा है क्योंकि वह टेररिस्ट गतिविधियों में लिप्त था। जिस प्रकार से पुलिस ने उसको कहा है। ग्रुप को थोड़ा मोड़ा गया है। साफ तौर से यहां पर दिखाई दे जाता है क्योंकि जो लड़का है जिसको पुलिस पकड़ कर ले गई है, उसका दोस्तों को कैसे पता कि वह टेरेरिस्ट एक्टिविटीज के अंदर लिप्त था या नहीं था। अचानक से सब छोड़ दे देते हैं और पुलिस के खिलाफ पहुंच जाते हैं। दूसरी ओर जो बिका हुआ इंटरव्यू चल रहा है जहां पर पूछे हुए क्वेश्चंस का ही आदान प्रदान किया जा रहा है। उसको उस समय का प्राइम मिनिस्टर देख रहा है। यहां पर प्राइम मिनिस्टर को फौजियों के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करते साफ तौर से देखा जा सकता है। ग्रुप के अंदर अच्छे और बुरे लोगों को दिखाया जाना पड़ता है। इसी हिसाब से स्क्रिप्ट आगे चलती है और स्क्रिप्ट के अंदर होता भी ऐसा है कि जो बुरे काम।

दोनों आंखें एक ही डायरेक्शन के अंदर देख रही हैं

पता है जल्दी उसको रिजल्ट मिल जाता है। यह अपने दोस्त को बोलता है कि यह लड़का तो तानाशाह है और साथ ही के अंदर इसको देखकर संजय की याद आती है। आपको यह पता होगा कि संजय गांधी देश के एक प्रमुख नेता थे। मतलब प्रधानमंत्री को अपना बेटा जिसके साथ में उसके अनुभव है। वह लड़का उस को संजय की तरीके से दिखाई दे रहा है और यह बात भी कह रहा है कि अगर संजय जैसे ही हुआ तो उसकी उम्र भी छोटी हो सकती है। संजय गांधी की डेथ को लेकर कई सारे कंट्रोवर्सीज है। इस बारे में हर किसी को पता है और जानबूझकर इसके अंदर उसको साइट करना। पॉलिटिकल रंगे में अपनी नाक हुसैन ने जैसा है। डायरेक्टर का वेब सीरीज का हीरो सैफ अली खान एक शॉट में आता है जिसके अंदर उसकी दोनों आंखें एक ही डायरेक्शन के अंदर देख रही हैं और सामने जो हीरोइन है, वह भी दोनों आंखें उसकी एक ही डायरेक्शन के अंदर सैफ अली खान को देख रही है। अब जरूरी नहीं है कि हर बात के अंदर यहां कंट्रोवर्सी होता है। फली खान दोनों आंखों से एक को देख रहा है और सामने जो हीरोइन है। दोनों आंखों से एक ही तरफ सैफ अली खान को देख रही है। प्राइम मिनिस्टर के सामाजिक रिलेशंस के बाहर।

दिखाया गया कि पुलिस ने उनको मार दिया है

आकर भी एक और संबंध है जहां से उसको एक बेटा भी है। उसी नाजायज बेटे को जो कि नशेड़ी गंजे डी पी है। उसको आगे जाकर डिफेंस मिनिस्टर बनने की काफी हॉट है। वह स्टूडेंट्स इंस्पेक्टर ठाकुर को बोलते हैं कि उनके दोस्त को सीधे तौर पर रिहा कर दे नहीं तो कोर्ट जाना पड़ेगा और कोर्ट के अंदर जो वकील है, उनकी पुलिस के साथ वैसे भी फिलहाल बन नहीं रही है। अब आप इसको इंसिडेंट के बारे में क्या कहेंगे। जिस समय व्यक्ति इसको लिखा जाने वाला था। उसी समय यह एनटीसीए प्रोटेस्ट हो रहे थे, जिसको एक तरफा दिखा कर सरकार के खिलाफ दिखा कर दिखाया गया और उसी समय दो लड़कों की जो मौत हुई थी। उसके अंदर दिखाया गया कि पुलिस ने उनको मार दिया है। अपने बाप को शराब पिला रहा है और उसके गिलास के अंदर जहर मिला चुका है। जहर वाली शराब पी के उसका बाप जो कि प्रधानमंत्री उस समय भी है, वह मर जाता है। इस बात के अंदर किसी प्रकार का कोई ट्रेन है या नहीं। कौन सा प्रधानमंत्री था जिनकी मृत्यु हृदयाघात से दिल का जो दौरा है, वह पढ़ने से दिल का काम करना बंद करने से हो गई थी। इतने सारे कोइंसिडेंस आपने देख लिए एक और कौन सी डी?

जिस आदमी से कानपुर नहीं समला उसे आपने पूरे उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बना दिया

आपको देखने से पहले यह जान लीजिए कि इसके अंदर एक डायलॉग है जहां पर एक अराजकता फैलाई जाती है और हीरो के ऑफिसर द्वारा कहने पर ही वहां पर कुछ लोगों को मार दिया जाता है और हीरो अपने प्रधानमंत्री बाप से कहता है कि जिस आदमी से कानपुर नहीं समला उसे आपने पूरे उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बना दिया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कानपुर से नहीं गोरखपुर से आते हैं। मगर उनके यहां पर आने के बाद में कई सारे एनकाउंटर सोए थे और लॉयन ऑर्डर की सिचुएशन काफी अच्छी हुई थी। इस समय अगर योगी आदित्यनाथ काफी ज्यादा नाराज हैं और उन्होंने सीधे तौर पर धार्मिक भावनाओं को भड़काने के खिलाफ चेतावनी दे दी है तो यह इशारा काफी दूर तक गया है क्योंकि यहां पर एक और चीज है जिसे साफ तौर से योगी आदित्यनाथ को टारगेट किया गया है। वह लड़के लड़कियां जो पुलिस थाने के अंदर गए थे, वह बाहर आते हैं तो पुलिस उनको घेर लेती है और जमकर धुनाई करती है। उत्तर प्रदेश की पुलिस महिलाओं को जमके पीठ की देखी जाती है और बैकड्राप के अंदर खास तौर पर इस चीज के ऊपर नजर डाली है। यहां पर होमगार्ड।

वेब सीरीज एक प्रकार का पॉलिटिकल ट्यून बन गए हैं

लिखा गया है साथ में दसवीं के लिए होमगार्ड उत्तर प्रदेश पुलिस होमगार्ड साला मतलबी उत्तर प्रदेश में एक बहुत ही बड़ा मसला था जिसके लिए योगी आदित्यनाथ को कहीं मीटिंग है। कर के अपने फैसले पलटन में पड़े थे। इस समय का वेब सीरीज एक प्रकार का पॉलिटिकल ट्यून बन गए हैं, जिसको किसी पार्टी के खिलाफ इस्तेमाल किया जा सकता है। फिर भी प्रड्यूसर यह कहते हैं कि यह बाई चांस किसी से डिलीट हो गए हैं। हमारा ऐसा कोई तात्पर्य नहीं था तो पहले ही एपिसोड था। बाकी जो बचे एपिसोड है उसके अंदर किस प्रकार से आपका माइंड वाश किया जा रहा है या फिर स्क्रिप्ट को चेंज किया जा रहा है। उसकी जो डिटेल है वह मैं आपको बताने।

Post a Comment

Previous Post Next Post