फेमस होने के लिए दो चार कैंपेन का हिस्सा बनकर माता पिता अपने बच्चों को जिंदगी भर के ढोंग के ढकोसले में धकेल देते हैं और असली कारगर समाधानों पर विचार करने की जगह हवा हवाई बातें करने का पाठ पढ़ा देते हैं जिससे दूसरे भी भ्रमित हों 

पर्यावरण बचाने के लिए हवाई यात्रा नहीं, ट्रैन की प्लास्टिक फैलाव यात्रा 

ग्रेटा को उसके माता पिता ने एक पर्यावरण आइकॉन की तरह पेश कर दिया और ट्विटर फेसबुक पर फेमस होने के लिए आये दिन नए नए प्रपंच सिखाते गए | जब बहुत फॉलोवर हो जाते हैं तो बच्चों के जीवन की निजता दूषित हो जाती है | अब हवाई यात्रा न करके ग्रेटा को उसके माता पिता ट्रैन के रास्ते फिक्स्ड भाषण देने के लिए रवाना कर देते हैं और इसके लिए हवाई यात्रा से फैलने वाले कार्बन डाइऑक्साइड प्रदुषण को जिम्मेदार ठहरा देते हैं मगर ये बताना भूल जाते हैं कि घंटे भर की हवाई यात्रा की जगह एक दिन की ट्रैन में फर्स्ट क्लास यात्रा करते हुए कितना प्लास्टिक इस्तेमाल करते ग्रेटा पकड़ी जायेगी | 


प्लास्टिक में पकवान उड़ाते और ट्वीटर पर टूलकिट पोस्ट करते ग्रेटा अपनी पोलें खुलवा रही है 

जैसे ही ग्रेटा का टूलकिट वाला काण्ड खुला जहाँ पर उसे लग रहा होगा कि भारत जैसे देश के करोड़ों फोलोवर उसके बढ़ जाएंगे क्यूंकि केवल सोशल मीडिया से पता नहीं चलता जमीन पर क्या चल रहा है और हुआ भी ऐसा ही| करोड़ों फोल्लोवेर की जगह लाखों पोलें ग्रेटा की खुल गई | न उसे पर्यावरण से कोई मतलब है न प्लास्टिक में खाने से परहेज | चरमपंथियों का फिक्स्ड प्लान में पर्यावरण से सीधा किसान बनकर ग्रेटा जैसे ही उभरी उसकी ट्वीटर फेसबुक पर मधुमक्खियों की तरह जनता टूट पड़ी | ऐसा सही है कि किसानो के बारे में ग्रेटा हो या और कोई उसको ट्वीट करना चाहिए मगर भारत के किसानो को उन कानूनों के खिलाफ हिदायत देना जो ग्रेटा के खुद के देश में लागू है और वहां की किसानी आगे बढ़ रही है इससे साफ जाहिर है कि भारत के किसान को आगे बढ़ने से रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर साजिशें हो रही है 

21 साल की नासमझ बच्ची ? कसाब भी 21 का ही था 

प्रमुख्य राजनीतिक पत्रिका डायलाग इंडिया के अनुज अग्रवाल लिखते हैं  

लेफ्ट-लिबरल काबल बेशर्मी से उसे एक मासूम ' जलवायु कार्यकर्ता ' के रूप में प्रोजेक्ट कर रहा है और ' महिला / आयु ' कार्ड खेल रहा है । कसाब से लेकर बुरहान वानी तक सभी 21 साल के थे लेकिन उन्होंने भारत के खिलाफ अभिनय करने का प्रयास किया । आपराधिक आरोपों में उम्र एक कारक नहीं हो सकती ।

किसी भी अराजक तत्व के समर्थन में जितने लोग आने लगे हैं उससे अंदाजा लगाया जा सकता है भारत मे आतंकवाद आया नही स्थापित किया गया है..पूरा एक तंत्र है जो आतंकियों देशद्रोहियो के खिलाफ एक्शन लेने पर सरकार के खिलाफ एक्टिव हो जाता है.विभिन्न नरेटिव्स बनाये जाने लगते हैं.

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